धैर्य के साथ लक्ष्य की तलाश
धैर्य के साथ नए लक्ष्य की तलाश कर सफलता हासिल करना :- सफल लोगों को अक्सर चीनी बांस के पेड़ के बारे में बात करना अच्छा लगता है। आप चीनी बांस के बीज को मिटटी में लगा दे, उसका पुरे साल ख्याल रखे, लेकिन उसमे से एक भी कोंपल नहीं फूटेगी। जबकि सिर्फ एक साल ही नहीं बल्कि पूरे पांच सालों तक उसमे से एक भी कोंपल नहीं निकलेगी। लेकिन एक दिन अचानक एक कोंपल निकलेगी, और देखते ही देखते अगले छ: सप्ताह में यानि 42 दिन में वह चीनी बांस का पौधा 90 फिट का ऊँचा पेड़ बन जाता है, अर्थात वह पौधा हर 24 घंटे में 39 इंच तक बढ़ जाता है।
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धैर्य से अपनी जड़ें जमाना
अपनी जड़ें जमाना – कहने का तात्पर्य यह है कि दरसअल पांच साल तक वह पौधा धैर्य से अपनी जड़ें जमाता है, फिर तैयार होकर 90 फिट तक ऊँचा होने के लिए बाहर निकलता हैं आप अपनी सफलताओं और असफलताओं से ही खुद को बेहतर ढंग से समझ पाते है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। अपने लक्ष्यों को किसी पहाड़ की चढ़ाई की तरह देखो, फिर ध्यान केंद्रित कर उस पर चढ़ाई करते रहो। फिर लक्ष्य पर पहुंचने के बाद किसी अच्छे पर्वतारोही की तरह अगले लक्ष्य की तलाश करो। बस इन लक्ष्यों को धैर्य के साथ पाते रहना चाहिए। आपको दुनिया में नंबर 1 नहीं बनना है बल्कि आपको पहले खुद में नंबर एक बनना होगा।
“जो धैर्य रख सकता है, वह जो चाहे वो कर सकता है।”
मंजिल से बढ़कर मंजिल तलाश कर।
मिल जाये तुझको दरिया वो समुन्दर तलाश कर।।
शीशा टूट जाता है पत्थर की चोट में।
पत्थर का सिर टूटे वो शीशा तलाश कर।।
“कभी असफल नहीं होने में महानता नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर खड़े होने में महानता है।”
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